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रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानियों को दूर करने और उन्हें बेहतर सुविधाएं देने के लिए सरकार नए बदलाव की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार रेलवे की छवि में सुधार के लिए बड़े स्टेशनों पर ‘स्टेशन डायरेक्टर’ तैनात किए जाएंगे। ये अधिकारी ‘ए’ श्रेणी के होंगे। वर्तमान में सरकार इस प्रयास में है कि रेलवे स्टेशनों को आर्थिक और व्यापारिक केंद्र के रुप में स्थापित किया जाए। साथ ही स्टेशनों पर वरिष्ठ अधिकारी हों जो सीधे तौर पर लोगों की समस्याओं से जुड़ें और उन्हें समझें।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बजट पेश करते हुए इस संबंध में घोषणा की थी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया था कि स्टेशन पर कम से कम एक अधिकारी हो जो पूरे स्टेशन की कार्यपणाली को सहज रुप से चलने के लिए उत्तरदायी हो। इनका मुख्य लक्ष्य स्टेशन पर आने वाले यात्रियों के अनुभव के बारे में जानकारी लेना और व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत करना हो।
इस नीति के तहत जूनियर अधिकारियों को मुख्य स्टेशन प्रबंधक (चीफ स्टेशन मैनेजर) के पद पर तैनात किया जाएगा। स्टेशन मास्टर, स्टेशन अधीक्षक का दायरा सीमित होता है, सफाई, पार्सल या फिर टिकट संबंधी मामला ये सभी अलग-अलग विभागों के अधिकार क्षेत्र में आता है। इन सभी सेवाओं को एक अधिकारी के अंतर्गत लाने का प्रयास किया जा रहा है।
शुरुआती तौर पर सीनियर अधिकारियों को ‘ए’ श्रेणी के स्टेशन पर स्टेशन डायरेक्टर के रुप में तैनात किया जाएगा। इनमें दिल्ली, मुंबई, जयपुर जैसे स्टेशन शामिल होंगे। ‘ए’ श्रेणी में तकरीबन 60 स्टेशन हैं जिनका चयन यात्रियों की संख्या और राजस्व के अनुसार तय किया जाता है।
स्टेशन डायरेक्टर के पास ज्यादा वित्त संबंधी अधिकार होंगे। स्टेशन पर अलग-अलग विभाग यातायात, मैकेनिकल, नागरिक सुविधाएं जैसे विभागों का उन्हें समर्थन मिलेगा। इस पूरी कवायद से स्टेशन का संचालन सहज हो जाएगा। Read more http://www.jagran.com/